गार्सा द तासी वाक्य
उच्चारण: [ gaaaresaa d taasi ]
उदाहरण वाक्य
- ३ ८ गार्सा द तासी ने हिन्दी हिन्दोस्तान में इन्हें निम्न जाति का माना है।
- गार्सा द तासी, शिवसिंह सेंगर, ग्रियर्सन आदि इस क्षेत्र में हाथ-पाँव चला चुके थे।
- गार्सा द तासी, शिवसिंह सेंगर आदि ने अपने इतिहास-ग्रन्थों में इस पद्धति का ही प्रयोग किया है।
- गार्सा द तासी से लेकर आज तक हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन की एक अबाध परम्परा देखने को मिलती है।
- ३-हिंदी साहित्य का सर्वप्रथम इतिहास ग्रन्थ-” इस्तवार द ला लितरेत्युर एन्दुई ऐ ऐन्दुस्तानी [गार्सा द तासी].
- गार्सा द तासी ने दादू को रामानन्द की शिष्य परम्परा में स्वीकार कर उन्हें इस परंपरा में उनका छठा शिष्य माना है।
- हिन्दी साहित्य के इतिहास के प्रणयन का वास्तविक सूत्रपात् किसी हिन्दी भाषी व्यक्ति द्वारा न होकर फ्रेंच विद्वान गार्सा द तासी द्वारा हुआ।
- फ्रैंच भाषा के विद्वान गार्सा द तासी ने सुंदरकांड का अनुवाद किया और डेनीविलि ने फ्रेंस भाषा में स्वतंत्र रूप से रामकथा लिखी ।
- फैंच भाषा के विद्वान ‘ गार्सा द तासी ' ने सुन्दर कांड का अनुवाद किया और डेनीविलि ने फ्रेंच भाषा में स्वतंत्र रूप से रामकथा लिखी।
- 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में कई विदेशी और भारतीय विद्वानों ने भी हिन्दी साहित्य के इतिहास का लेखन कार्य किया जिनमें गार्सा द तासी, मातादीन मिश्र, शिवसिंह सेंगर, और जार्ज ग्रियर्सन आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं।
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